Union Budget 2025: क्रिप्टो इंडस्ट्री नाराज, बजट में नहीं मिली मुख्य मांगों पर ध्यान


Union Budget 2025: भारतीय क्रिप्टोकरेंसी उद्योग को Union Budget 2025 से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन इस बार भी उनकी मुख्य चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया। क्रिप्टो एक्सचेंज, निवेशक और ब्लॉकचेन स्टार्टअप्स ने 1% TDS में कमी, टैक्स स्लैब में बदलाव और रेगुलेशन क्लैरिटी जैसे मुद्दों पर राहत की उम्मीद की थी, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में क्रिप्टो से जुड़ा कोई बड़ा एलान नहीं हुआ। इस लेख में जानिए क्यों निराश हुई क्रिप्टो कम्युनिटी और क्या हैं आगे के विकल्प।

क्यों निराश हुई क्रिप्टो इंडस्ट्री? 5 प्रमुख कारण

1. 1% TDS में कोई छूट नहीं

  • वर्तमान नियम: प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1% TDS
  • उद्योग की मांग: 0.01% तक कमी
  • असर: छोटे ट्रेडर्स के लिए लिक्विडिटी समस्या

2. 30% टैक्स दर बरकरार

  • क्रिप्टो मुनाफे पर अन्य एसेट्स से ज्यादा टैक्स
  • स्टॉक/म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले अनफेयर ट्रीटमेंट

3. रेगुलेशन की अनिश्चितता

  • भारतीय डिजिटल रुपया (CBDC) को प्राथमिकता
  • क्रिप्टो बिल 2025 का कोई जिक्र नहीं

4. ब्लॉकचेन स्टार्टअप्स को कोई प्रोत्साहन नहीं

  • Web3 और Metaverse प्रोजेक्ट्स के लिए नो टैक्स हॉलिडे
  • R&D पर कोई विशेष फंडिंग नहीं

5. बैंकिंग सपोर्ट की कमी

  • क्रिप्टो एक्सचेंज्स के साथ बैंकों के रिश्ते तनावपूर्ण
  • UPI जैसे पेमेंट ऑप्शन्स पर प्रतिबंध जारी

“यह बजट क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए मिस्ड ऑपरच्युनिटी है। हमें उम्मीद थी कि सरकार Web3 के महत्व को समझेगी।”
– सुमित गुप्ता, CEO, CoinDCX

क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के लिए 3 बड़े निहितार्थ

1. ट्रेडिंग कॉस्ट बढ़ेगा

  • 1% TDS छोटे ट्रेडर्स को प्रभावित करेगा
  • फ्रीक्वेंट ट्रेडिंग घटेगी

2. इनोवेशन पर ब्रेक

  • स्टार्टअप्स सिंगापुर/दुबई जाने को मजबूर
  • टैलेंट माइग्रेशन बढ़ेगा

3. अंडरग्राउंड ट्रांजैक्शन का खतरा

  • P2P ट्रेडिंग बढ़ सकती है
  • रेगुलेटरी रिस्क और बढ़ेगा

क्या करें क्रिप्टो इन्वेस्टर्स? एक्सपर्ट सुझाव

1. लॉन्ग-टर्म होल्डिंग बढ़ाएं

  • 30% टैक्स का असर कम करने के लिए
  • 3-5 साल का इन्वेस्टमेंट होराइजन

2. टैक्स प्लानिंग पर ध्यान दें

  • हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रखें
  • CA से सलाह लें

3. अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स एक्सप्लोर करें

  • Binance, KuCoin जैसे ग्लोबल एक्सचेंज
  • FEMA नियमों का पालन जरूरी

4. ऑल्टकॉइन्स से सावधान रहें

  • BTC/ETH पर फोकस बढ़ाएं
  • अनरेगुलेटेड टोकन्स से बचें

भविष्य की राह: क्या उम्मीद करें?

1. G20 का प्रभाव

  • 2025 तक ग्लोबल क्रिप्टो फ्रेमवर्क आ सकता है
  • भारत को अनुकूल नीतियां बनानी होंगी

2. लोकसभा चुनावों का असर

  • 2024 के बाद नई सरकार से उम्मीदें

3. RBI डिजिटल रुपया और क्रिप्टो को-एग्जिस्टेंस

  • CBDC के साथ प्राइवेट क्रिप्टो की भूमिका स्पष्ट होगी

निष्कर्ष: धैर्य बनाए रखें

Union Budget 2025 ने क्रिप्टो इंडस्ट्री को निराश किया है, लेकिन यह अंत नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025-26 में अलग क्रिप्टो रेगुलेशन आ सकता है। तब तक इन्वेस्टर्स को टैक्स कंप्लायंस और रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करना चाहिए।

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