Profit-taking spikes in June as investor: भारतीय शेयर बाजारों में june 2025 एक ऐतिहासिक महीना रहा, लेकिन निवेशकों के रवैये ने एक चौंकाने वाला ट्रेंड दिखाया। AMFI के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जबकि प्रॉफिट-बुकिंग (मुनाफ़ा वसूली) रिकॉर्ड स्तर पर देखी गई। यह आर्टिकल आपको बताएगा कि क्यों निवेशक भारी मात्रा में मुनाफ़ा वसूल रहे हैं, इसके पीछे के कारण और आपको क्या स्ट्रैटेजी अपनानी चाहिए।
मई 2025 के म्यूचुअल फंड ट्रेंड्स: मुख्य बिंदु
- इक्विटी फंड इनफ्लो: ₹18,358 करोड़ (अप्रैल के ₹21,550 करोड़ से 15% गिरावट)
- SIP इनफ्लो: ₹20,904 करोड़ (लगातार 9वें महीने ₹20,000+ करोड़)
- प्रॉफिट बुकिंग: मिड-कैप/स्मॉल-कैप फंड्स में सबसे ज्यादा
- सेक्टरल फंड्स: टेक और बैंकिंग फंड्स में सबसे अधिक निकासी
निवेशकों ने मुनाफ़ा क्यों वसूला? 3 प्रमुख कारण
1. चुनावी अनिश्चितता का डर
- लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले “सेल ऑन न्यूज़” साइकोलॉजी
- इतिहास गवाह है कि चुनाव वर्ष में मार्केट वोलैटिलिटी बढ़ती है
2. वैल्युएशन कंसर्न
- Nifty का P/E रेशियो 22.5 (लॉन्ग-टर्म एवरेज 20)
- मिड-कैप इंडेक्स 35% सालाना उछाल के बाद ओवरहीटेड
3. ग्लोबल क्यूज़
- US फेड की ब्याज दर नीति
- चीन-अमेरिका ट्रेड टेंशन
एक्सपर्ट्स की राय: क्या करें अब?
लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के लिए
SIP जारी रखें: मार्केट टाइमिंग से बेहतर है टाइम इन मार्केट
सेक्टरल अलोकेशन बढ़ाएं:
- FMCG और फार्मा (डिफेंसिव सेक्टर्स)
- IT (कम वैल्युएशन पर अच्छा एंट्री पॉइंट)
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए
स्टॉप-लॉस का पालन करें
कैश पोजीशन बढ़ाएं (10-15%)
इन्वेस्टर्स ने कहाँ निवेश किया? (मई 2025 के टॉप पिक्स)
- लार्ज-कैप फंड्स: ₹8,742 करोड़ (सबसे ज्यादा इनफ्लो)
- इंडेक्स फंड्स: ₹5,347 करोड़
- मल्टी-कैप फंड्स: ₹4,215 करोड़
स्मार्ट इन्वेस्टर्स के लिए 5 एक्शन पॉइंट्स
- पोर्टफोलियो रिबैलेंस करें (60% लार्ज-कैप, 25% मिड-कैप, 15% स्मॉल-कैप)
- STP (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) का उपयोग करें
- टैक्स-हार्वेस्टिंग करके शॉर्ट-टर्म लॉस को कम करें
- गोल्ड ETF में 5-10% अलोकेशन बढ़ाएं
- इमरजेंसी फंड रिव्यू करें (कम से कम 6 महीने का एक्सपेंस)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. क्या अभी नया SIP शुरू करना सही है?
हां, लेकिन फ्लेक्सी कैप या लार्ज-कैप फंड्स को प्राथमिकता दें।
2. मिड-कैप फंड्स से पैसे निकालने चाहिए?
नहीं, लेकिन नए निवेश पर रोक लगा सकते हैं।
3. क्या यह मार्केट करेक्शन का संकेत है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि 10-15% की गिरावट संभव है, लेकिन यह खरीदारी का अवसर हो सकता है।
निष्कर्ष
मई 2025 का यह ट्रेंड दिखाता है कि भारतीय निवेशक अब पहले से ज्यादा परिपक्व हो रहे हैं। वे मुनाफ़ा वसूलने और रिस्क मैनेजमेंट को समझने लगे हैं। अगर आप भी इक्विटी मार्केट में निवेश करते हैं, तो भावनाओं से परे हटकर डिसिप्लिन्ड इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी अपनाएं।