Central Banks Double Down on Gold: केंद्रीय बैंकों ने बढ़ाया सोने पर दांव: डॉलर पर बढ़ते संदेह के बीच WGC सर्वे का खुलासा

Central Banks Double Down on Gold: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के एक ताजा सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर पर बढ़ते संदेह के चलते सोने की खरीदारी बढ़ा रहे हैं। यह ट्रेंड 2025 में और तेज होता दिख रहा है, जहां केंद्रीय बैंक अपने भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे:

  • क्यों डॉलर पर कम हो रहा है भरोसा?
  • कौन से देश बढ़ा रहे हैं गोल्ड रिजर्व?
  • आम निवेशकों के लिए इसके क्या मायने हैं?

डॉलर पर क्यों बढ़ रहे हैं संदेह?

1. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता

  • मुद्रास्फीति की उच्च दर
  • ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव
  • राजनीतिक अस्थिरता

2. वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव

  • बहुध्रुवीय विश्व अर्थव्यवस्था का उदय
  • चीनी युआन का बढ़ता प्रभाव
  • BRICS देशों की नई मुद्रा की चर्चा

कौन से देश बढ़ा रहे हैं गोल्ड होल्डिंग्स?

2025 में सबसे बड़े गोल्ड खरीदार

  1. चीन – 225 टन (पिछले 7 महीने में)
  2. तुर्की – 160 टन
  3. भारत – 78 टन
  4. रूस – 65 टन
  5. कजाकिस्तान – 45 टन

भारत की स्थिति

  • 800 टन से अधिक सोना भंडार
  • विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 8% हुई
  • RBI ने 2025 में अब तक 32 टन सोना खरीदा

आम निवेशकों के लिए क्या है संदेश?

1. पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करें

  • 10-15% निवेश सोने में करना उचित
  • डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अच्छे विकल्प

2. निवेश के सही तरीके

निवेश विकल्पफायदे
फिजिकल गोल्डआपातकाल में उपयोगी
गोल्ड ETFलिक्विडिटी अच्छी
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड2.5% सालाना ब्याज

3. बचने के तरीके

  • अफवाहों पर न चलें
  • छोटे-छोटे निवेश से शुरुआत करें
  • प्रोफेशनल सलाह लें

विशेषज्ञों की राय

WGC के प्रमुख का कहना है

“सोना अब सिर्फ सुरक्षित निवेश नहीं, बल्कि जरूरी निवेश बन गया है। जिन देशों ने पहले से अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाया है, वे आज आर्थिक अस्थिरता से बेहतर तरीके से निपट रहे हैं।”

भारतीय अर्थशास्त्री की सलाह

“हमें अपने घरेलू निवेश में सोने को जरूर शामिल करना चाहिए। यह न सिर्फ मुद्रास्फीति से बचाता है, बल्कि आर्थिक संकट के समय सबसे विश्वसनीय संपत्ति साबित होता है।”

भविष्य की संभावनाएं

1. सोने की कीमतों में उछाल

  • 2025 के अंत तक ₹72,000/10gm तक पहुंचने का अनुमान
  • वैश्विक मांग में 23% की वृद्धि का अनुमान

2. केंद्रीय बैंकों की रणनीति

  • डॉलर भंडार घटाकर सोना बढ़ाने पर जोर
  • नई भुगतान प्रणालियों में सोने को शामिल करने की तैयारी

निष्कर्ष

डॉलर पर बढ़ते संदेह ने सोने को फिर से वैश्विक मुद्रा प्रणाली का केंद्र बना दिया है। केंद्रीय बैंकों की यह रणनीति आम निवेशकों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है – अपने पोर्टफोलियो में सोने को जरूर शामिल करें। चाहे फिजिकल गोल्ड हो या डिजिटल, यह निवेश आपको आर्थिक अनिश्चितता के दौर में सुरक्षा प्रदान करेगा।

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